दादा गुरु पहुंचे दावठा, सेवलिया परिवार ने किया संत पूजन, परिक्रमा वासियों का अभिनंदन किया।

प्रदीप साहू, Khategaon Ki Khabar: मां नर्मदा धर्म धारा धेनु प्रकृति पर्यावरण संरक्षण संवर्धन के लिए पूर्ण समर्पित अवधूत सिद्ध महा योगी श्री दादा गुरु भगवान की निराहार मां नर्मदा सेवा परिक्रमा का खातेगांव विधानसभा में मंगल प्रवेश पर क्षेत्र के विधायक आशीष शर्मा सहित अनेक नर्मदा भक्तों ने नर्मदा परिक्रमा का मंगल आगमन पर स्वागत वंदन अभिनंदन किया।

दादा गुरु 1500 दिनों से अखंड सादी की सबसे कठोर निराहार महाव्रत साधना जारी है। दादा गुरु एवं परिक्रमा वासियों का नर्मदा तट पर बसे गांव में अद्भुत स्वागत सम्मान किया गया पूरा नर्मदा क्षेत्र हर हर नर्मदे के जयकारे से गूंज रहा था। आज क्या वार है मंगलवार को दादा गुरु का दावा में मंगल प्रवेश हुआ। जहां गुरुदेव ने रात्रि विश्राम किया और उपस्थित जनसमूह को अपनी ओजस्वी वाणी से मां नर्मदा के प्रति श्रद्धा और मां नर्मदा के प्रति संरक्षण प्राकृतिक पर्यावरण पेड पौधों को सुरक्षित रखने का आम जन से आव्हान किया।

परिक्रमा वासीयों के दर्शन से मन को मिलती है नई ऊर्जा
मां नर्मदा के तट पर बसे ग्राम दावठा जहां सेवलिया परिवार के द्वारा लगातार विगत कई वर्षों से मां नर्मदा के भक्तों की सेवा में पूरा परिवार जूटा है। परिवार के प्रत्येक सदस्य मां नर्मदा के प्रति गहन श्रद्धा रास्ता रखते हैं मां नर्मदा की परिक्रमा करने वाले पदयात्रा ग्राम दावठा से होकर गुजरते हैं जहां बलराम दावठा जगदीश दावठा परिवार की ओर से परिक्रमा वासियों की सेवा में दिन रात लगे रहते हैं जहां परिवार की माता है हर परिक्रमा वासी को भोजन प्रसादी स्वयं अपने हाथों से बना कर खिलाती है परिवार में हर सदस्य परिक्रमा वासियों की सेवा के लिए ललहित रहते हैं बड़ी संख्या में नर्मदा के तट से होकर गुजरने वाले मां नर्मदा के प्रति आस्था रखने वाले इन पद यात्रियों की सेवा में जुटे रहने वाले परिवार के प्रत्येक सदस्य को परिक्रमा वासियों की सेवा से मन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
परिवार के कई सदस्य मां नर्मदा की परिक्रमा हर वर्ष करते हैं वर्तमान समय में भी परिवार के सदस्य मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा कर रहे हैं मां नर्मदा की सेवा से परिवार को जो सुकून मिलता है उसी का परिणाम है कि क्षेत्र में मेकल सूता के के नाम से परिवार की पहचान बनी है। मां के नाम से इशारा कार्य किया जाता है शिक्षा के क्षेत्र में भी मां के नाम से ही संस्था का संचालन हो रहा है। इसी प्रकार दादा गुरु का आगमन काना में दुरान्द निवास पर हुआ जहां शिक्षक शलकराम दुरान्द सहित परिवारजनो ने दादा गुरु का पूजन किया और आशीर्वाद लिया।