Dewas Ki News: तीसरी ग्राम पुकार पदयात्रा सम्पन्न

प्रदीप साहू, Dewas Ki News:  स्थानीय संवाद, साझेदारी और विकास की दिशा में ठोस पहल, कुल ₹2 लाख की 6 ग्राम पुकार फ़ेलोशिप अवार्ड की जाएगी, 20 गाँवों में वर्षभर की कार्य योजना माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली ज्योति रात्रे से युवा लड़कियां, महिलाएं प्रेरित हुईं।

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गुजरात की उद्यमी मीना भावेश पटेल क्रोशिया का प्रशिक्षण देंगी और प्रोडक्ट Buy Back करेंगी मंडलेश्वर/हंडिया/बजवाडा /नेमावर – ग्राम पुकार फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीसरी ग्राम पुकार पदयात्रा 9 से 13 अप्रैल 2025 के बीच मध्यप्रदेश के नर्मदा तटवर्ती 18 गाँवों में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इस यात्रा का उद्देश्य था ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद कर शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, उद्यमिता, जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण एवं ग्रामीण पर्यटन जैसे मुद्दों पर जमीनी समझ विकसित करना, और साझेदारी के साथ स्थानीय समाधान की दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाना।

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36 से 38 डिग्री सेल्सियस की तीव्र गर्मी के बीच 18–20 पदयात्री जब हंडिया से जोगा और मेलपिपलिया से नेमावर मार्ग के गाँवों में पहुँचे, तो ग्रामीणों ने परंपरागत तरीके से उनका स्वागत किया। पदयात्रा के उद्देश्य को जानने की उत्सुकता में ग्रामीणों ने संवाद शुरू किया, जिसका जवाब था – “हम यहां आपकी बात सुनने और साथ मिलकर कुछ नया करने आए हैं।”
यात्रा का समापन बागदी संगम (मंडलेशवर) में हुआ, जहां सहभागियों, ग्रामीणों और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने साझा अनुभवों के साथ भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।

ग्राम पुकार फाउंडेशन के फाउंडर व सीईओ रामकृष्ण सामेरिया ने यात्रा के प्रमुख आउटकम बताए:. स्थानीय नेतृत्व का उभार, विशेषकर महिलाओं में उद्यमिता को लेकर आत्मविश्वास।. ग्राम स्तर पर संवाद की ठोस नींव, जिससे स्थानीय समस्याओं की सटीक पहचान हो सकी। अगले एक वर्ष की कार्य योजनाओं की शुरुआत, जो चयनित गाँवों में सतत सामाजिक और आर्थिक हस्तक्षेप को दिशा देगी।
उन्होंने पदयात्रा की सफलता में ग्रामीणों, सहयोगी संस्थाओं और सभी पदयात्रियों के योगदान को सराहते हुए बताया कि ₹2 लाख की 6 ग्राम पुकार फ़ेलोशिप इस वर्ष प्रदान की जाएगी। साथ ही यात्रा की सहयोगी संस्था प्रोत्साहन एजुकेशन सोसाइटी के साथ मिलकर 20 गाँवों में महिलाओं को कारीगरी सिखाने, आजीविका और उद्यमिता से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।

प्रमुख उपलब्धियां:
• ₹2 लाख की 6 ग्राम पुकार फ़ेलोशिप की घोषणा
• 20 गाँवों में वर्षभर की कार्य योजना
• नयापुरा के जैविक किसान जयनारायण राय पर आधारित डाक्यूमेंट्री निर्माण
• वर्ष में दो बार पदयात्रा आयोजित करने का निर्णय
• सिगोन की निशा और मंडलेश्वर की रमा को विशेष फेलोशिप
• यात्रा पर विस्तृत रिपोर्ट और डाक्यूमेंट्री फिल्म प्रस्तावित

सहयोग और नेतृत्व:
यात्रा की सहयोगी संस्था प्रोत्साहन एजुकेशन सोसाइटी के फाउंडर श्री राजेश विश्नोई ने कहा,
“यह सिर्फ़ एक पदयात्रा नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दों को गहराई से समझने और ज़िम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने का ज़रिया है।”
स्थानीय उद्यमों MRP एग्रोटेक और जनक एग्रोटेक ने भी इस यात्रा को सहयोग प्रदान किया। उनकी मदद से गाँवों में आजीविका, कृषि नवाचार और टेक्नोलॉजी आधारित समाधान की दिशा में संवाद संभव हुआ।

महिला उद्यमिता को बढ़ावा:
‘चिलौरी’ की फाउंडर वर्षा सोलंकी ने घोषणा की कि वे यात्रा पथ के गाँवों में अपने उद्यम का विस्तार करेंगी। उन्होंने स्थानीय महिलाओं को परंपरागत बैग निर्माण और कारीगरी सिखाने का संकल्प लिया, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और स्थानीय उत्पादों को बाज़ार में बेच सकें।

प्रेरक सहभागिता:
• ज्योति रात्रे – माउंट एवरेस्ट पर सबसे अधिक उम्र में तिरंगा फहराने वाली, जिन्होंने ग्रामीण लड़कियों और महिलाओं को साहस, आत्मनिर्भरता और स्वास्थ्य, विशेषकर माहवारी से जुड़े विषयों पर खुलकर संवाद किया।
• मीना भावेश और जेंसी पटेल (गुजरात) – जिन्होंने क्रोशिया कारीगरी का प्रशिक्षण देने और Buy Back मॉडल के ज़रिए महिलाओं को आजीविका से जोड़ने की योजना साझा की।
• विकास (कर्नाटक) – जिन्होंने सेटेलाइट आधारित क्रॉप स्कैन तकनीक से किसानों को परिचित कराया।

सार्थक संवाद और सहभागिता:
यात्रा के दौरान 18 गाँवों में 19 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 300 से अधिक ग्रामीणों (महिलाएं व पुरुष) ने भाग लिया। इन बैठकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जैविक खेती, पर्यावरण, आजीविका और स्थानीय पर्यटन जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
पदयात्रियों ने नर्मदा तट के दोनों ओर स्थित होम स्टे भी देखे और भविष्य में यहां आकर स्थानीय होम स्टे में रुकने और पर्यटन को बढ़ावा देने का वादा किया।
साथ ही, माँ नर्मदा को प्रदूषण मुक्त रखने को लेकर भी साझा सुझाव और स्थानीय प्रयासों पर विमर्श हुआ।

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