यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है: साधक संत दादाभाई
प्रदीप साहू,Bhopal: यज्ञ के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है, यज्ञ से पर्यावरण शुद्ध रहता है पर्यावरण की शुद्धता के लिए जिस प्रकार पृथ्वी पर पौधारोपण आवश्यक है। इसी प्रकार इस धरा पर मानव जीवन को सार्थक बनाए रखने के लिए यज्ञ नितांत आवश्यक है।

यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है जिस प्रकार मनुष्य को भोजन आवश्यक है इसी प्रकार यज्ञ नारायण को आहुतियां आवश्यक है, यज्ञ के आयोजन में हर व्यक्ति को शामिल होकर आहुतियां प्रदान करना चाहिए। उक्त विचार शतचंडी महारूद्र यज्ञ की पूर्णाहुति पर भक्त श्रद्धालुओं के बीच आशीर्वचन देते हुए दादाजी धूनी वाला दरबार श्यामला हिल्स भोपाल के साधक संत परम पूज्य गुरुदेव दादाभाई ने व्यक्त किये।

30 मार्च से प्रारंभ हुए शतचंडी महारुद्र यज्ञ का रविवार रामनवमी के पावन अवसर पर समापन हुआ जहां पर गुरुदेव दादा भाई के सानिध्य में भक्त शिष्य परिवार ने यज्ञ की पूर्णाहुति पर यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दादा भक्त शामिल हुए जहां यज्ञ की पूर्णाहुति पर विशाल भंडारे के आयोजन में महाप्रसाद ग्रहण किया।