स्नेह सम्मेलन, प्रतिभा सम्मान में विधायक आशीष शर्मा सहित अनेक समाजजन पहुंचे
प्रदीप साहू, खातेगांव: ज्योतिबा फुले जयंती के अवसर पर खातेगांव नगर में संयुक्त माली समाज के द्वारा ऐतिहासिक शोभायात्रा खातेगांव नगर के प्रमुख मार्गो से निकल गई यात्रा में बड़ी संख्या में माली समाज की माता बहने एवं समाज जन उपस्थित हुए। खातेगांव नगर में पहली बार संयुक्त माली समाज के द्वारा खातेगांव इंद्रप्रस्थ गार्डन में ज्योतिबा फुले जयंती बड़े ही उत्साह के साथ मनाई । इस अवसर पर आज विशाल चल समारोह एवं स्नेह सम्मेलन का आयोजन भी रखा गया है। आयोजन में विधायक आशीष शर्मा सहित समाज के अनेक वरिष्ठ जन पहुंचे।

खातेगांव विधानसभा के संयुक्त माली समाज की टीम ने जानकारी देते हुए बताया कि11 अप्रैल को माली समाज के समाज प्रवर्तक अग्रदूत सत्यशोधक समाज के राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती नगर खातेगांव इंद्रप्रस्थ गार्डन में मनाई इस अवसर पर संयुक्त माली समाज द्वारा विशाल जल समारोह एवं स्नेह सम्मेलन का आयोजन किया दोपहर 1 बजे से स्नेह सम्मेलन के आयोजन में बड़ी संख्या में समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम में समाज के प्रतिभाशाली विद्यार्थी जिन्होंने वर्ष 2023, 24 शिक्षण संस्थान में कक्षा 10 वीं या 12वीं में 70% या उससे अधिक अंक लाए हैं उन्हें सम्मानित किया।

विशेष रूप से सभी मातृ शक्तियों ने कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर अपनी सहभागिता निभाई । समाज जनों ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्र एवं समाज के प्रति ज्योतिबा फुले के द्वारा महिलाओं व पिछडे और अछूतो के उत्थान के लिये इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे
इनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है। फुले समाज की कुप्रथा, अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। अपना सम्पूर्ण जीवन उन्होंने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने में, स्त्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया.१९ वी सदी में स्त्रियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी।
फुले महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से बचाना चाहते थे। उन्होंने कन्याओं के लिए भारत देश की पहली पाठशाला पुणे में बनाई थीं। स्त्रियों की तत्कालीन दयनीय स्थिति से फुले बहुत व्याकुल और दुखी होते थे इसीलिए उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को स्वयं शिक्षा प्रदान की सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थीं। खातेगांव नगर में पहली बार संयुक्त माली समाज का अभिनव प्रयास सार्थक रहा दूर-दूर से समाज जन पहुंचे।